जिन्दगी गुजर जाती है एक मकान बनाने में। और कुदरत उफ़ तक नहीं करती बस्तियाँ गिराने में। ना उजाड़ ए - खुदा किसी के आशियाने को, वक़्त बहुत लगता है, एक छोटा सा घर बनाने को...!!
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