हारना तब आवश्यक हो जाता है जब लङाई "अपनों से हो" ...और.... जीतना तब आवश्यक हो जाता है जब लङाई "अपने आप से हो"
मंजिल मिले ना मिले ये तो मुकदर की बात है! हम कोशिश भी ना करे ये तो गलत बात है...
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