Thursday, April 16, 2015

Donate your eyes

एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था। अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं"। उसके पिता ने स्नेह से उसके सिर पर हाथ फिराया।
वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं"। पिता की आँखों से आंसू निकल गए।
पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था। उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं। आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं। मेरा बेटा जन्म से अँधा था। आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं।
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नेत्रदान करे। किसी के जीवन में रौशनी भरे।
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              - जनहित में जारी।
Forwarded as received.

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